नौकरी के बदले जमीन घोटाला: बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव को बिहार के उपमुख्यमंत्री पद से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की
नौकरी के बदले जमीन घोटाला: बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव को बिहार के उपमुख्यमंत्री पद से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है. नौकरी जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव के साथ-साथ उनके माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ सोमवार को सीबीआई की ओर से आरोप पत्र दाखिल किया गया है. आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ही सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद और कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की थी.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनका रुख याद दिलाया कि वह भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं करेंगे। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए क्योंकि सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.
सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को चारा घोटाले की याद दिलाई
सुशील मोदी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को याद दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने चारा घोटाले के संबंध में आरोप पत्र दायर होने के बाद लालू यादव को (बिहार के मुख्यमंत्री पद से) बर्खास्त करने की मांग की थी. बता दें कि बिहार में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है.
चार्जशीट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनके परिवार समेत कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इस मामले में 18 मई को ईडी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी. इस मामले में राबड़ी देवी से भी सीबीआई ने पूछताछ की थी. उन्होंने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया था। इस मामले में ईडी पहले ही तेजस्वी यादव और मीसा भारती से पूछताछ कर चुकी है.
नौकरी के बदले जमीन घोटाला
लालू यादव 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री रहे। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला रेलवे भर्ती से जुड़ा है। आरोप है कि 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने जमीन के बदले लोगों को नौकरियां दीं.
आरोप के मुताबिक, जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो उन्होंने बिना विज्ञापन जारी किए रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए कई लोगों की भर्ती की थी. बदले में लोगों को जमीन देनी पड़ती थी. इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है.